Tuesday, January 11, 2011

"गिरिधरकी कुण्डलियाँ "

साईं बैर ना कीजिए, गुरु पंडित कवि  यार|
 बेटा बनिता पंवरिया,  यज्ञ  करावन हार || 
यज्ञ   करावन  हार  राज  मंत्री  जो  होई |

विप्र,  पडोसी,  वैध्य   आपको तपै  रसोई||
कह गिरिधर कविराय,युगनते यह चलिआई|
इन  तेरहसों  तरह  दिए  बनि  आवै  साईं ||
साईं   सब  संसार  में  मतलब का ब्यवहार| 
जब लग पैसा गांठ में, तब  लग ताको यार||
तब  लग  ताको  यार  संगही  संगमें   डोलें|
पैसा  रहा  न  पास  यार  मुखसे  नहीं बोलें||
कह गिरिधर कवी राय जगत यही लेखा भाई |
बिनु  बेगरजी  प्रीति  यार  बिरला कोई साईं  ||
साईं  घोड़े आछतहि   गदहन  आयो  राज| 
कौआ   लीजै   हाथ  में  दूरि  कीजिये  बाज||
दुरी  कीजिये   बाज  राज  पुनि  ऐसो  आयो |
सिंह  कीजिये  कैद  स्यार  गजराज  चढायो||
कह गिरिधर कविराय जहाँ यह बूझि  बधाई|
तहां  न  कीजै  भोर  साँझ  उठि चलिए साईं ||

29 comments:

  1. साईं सब संसार में मतलब का ब्यवहार|
    जब लग पैसा गांठ में, तब लग ताको यार||//
    वाह क्या बात है ...जय हो

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  2. बहुत उपयोगी सलाह गिरिधर कविराय की।

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  3. बहुत देर के बाद गिरिधर से सामना कराने के लिए आभार.

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  4. विद्यार्थी जीवन के बाद आज फिर गिरिधर कविराय की सीख देख कर खुशी हुयी,उन लोगों का ज्ञान दूरदर्शी था,हम सब के लिए आज भी उपयोगी है.प्रस्तुतीकरण के लिए धन्यवाद.

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  5. जब लग पैसा गांठ में, तब लग ताको यार||
    तब लग ताको यार संगही संगमें डोलें|
    पैसा रहा न पास यार मुखसे नहीं बोलें||
    कह गिरिधर कवी राय जगत यही लेखा भाई |
    बिनु बेगरजी प्रीति यार बिरला कोई |

    आज भी उतना ही सत्य और सार्थक है. बहुत दिनों बाद गिरिधर की रचना पढाने का सौभाग्य मिला..आभार

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  6. बहुत उपयोगी सलाह
    अनमोल वचन।

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  7. मकर संक्राति ,तिल संक्रांत ,ओणम,घुगुतिया , बिहू ,लोहड़ी ,पोंगल एवं पतंग पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

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  8. बड़े पुराने दिन याद आ गए ........शुभकामनायें !

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  9. बहुत बढ़िया ........... बहुत अच्छा लिखा है । आभार जी !

    आपको एवं आपके परिवार को मकर संक्रान्ति की शुभकामनायेँ ।

    "गजल............आईँ थी जब सामने मेरे तुम"

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  10. "बिनु बेगरजी प्रीति यार बिरला कोई"


    बिनु बेगरजी प्रीति यार बिरला कोई साईं

    अंत में साईं शब्द छूट गया है.कृपया ठीक कर दीजिये अपनी पोस्ट पर.

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  11. गिरधर कविराय की कुंडलियां स्कूल के जमाने में पढ़ी थी,
    आज आपने याद ताजा़ करा दी।
    आपके लिए अशेष शुभकामनाएं।

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  12. आपकीक-एक दोहे प्रेरक एवं अनमोल हैं।

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  13. अनमोल सलाह ....आज भी प्रासंगिक है

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  14. bahut hi sundar post .kavi girdhar hon ya ghagh bharat ki dharohar hai

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  15. सक्रांति ...लोहड़ी और पोंगल....हमारे प्यारे-प्यारे त्योंहारों की शुभकामनायें......

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  16. गिरधर की कुण्डलिया पढ़कर हमारे स्कूल के दिनों की याद ताजा हो गयी . शुक्रिया .

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  17. धन्यवाद्

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  18. जोशी जी , दोहों के माध्यम से सुंदर सलाह........... अच्छी प्रस्तुति.

    नये दशक का नया भारत ( भाग- २ ) : गरीबी कैसे मिटे ?

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  19. इस विधा को जीवित रखने का धन्यवाद.मकर संक्रान्ती की बधाई.

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  20. bahut kuch seekhne ko hai is post mein. Thanks

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  21. स्कूल के दिन याद करवा दिए भाई.हिंदी के शिक्षक याद आ रहे हैं जिन्होंने कविराय को घोट घोट कर पिला दिया था .

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  22. गिरधर की कुण्डलिया पढ़कर हमारे स्कूल के दिनों की याद ताजा हो गयी .

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  23. बहुत सुन्दर है ये पोस्ट... गिरधर जी की कुण्डलियाँ ... ज्ञान का भण्डार ..धन्यवाद

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  24. yes we do remember our childhood with this blog...........now its our responsibility to keep girdhar ji alive for many many generations

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  25. aaj kal ki kitabo se to ye sab gayab kar diya baccho KI kitabo mein hai hi nahi ,pad ker bahut achchaa laga thanks a lot...............

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