यही हमारी भारतीयता, यही हमारा हिन्दू धर्म||
पत्र- पत्रमें देव विराजित रोग सभी करती है नाश|
तुलसी तुमको नित बंदन है,सभी तीर्थका तुममें वास||
पीपल जो अश्वत्थ कहता,श्रीकृष्ण का जिस में वास|
इसे काटना महां पाप है, ऐसा मनमें हो विश्वास||
सभी मांगलिक कार्यों की है शोभा कदली वृक्ष|
हरा भरा हो जल सिचनसे, ऐसा रहे सर्वदा लक्ष||
बाग-बगीचे आँगन-बाड़ी, वृक्ष 'आमलक' हो हर ठौर|
सदियों से पूजा जाता है, सभी औषधियों का सिरमौर||
बेर-वृक्ष लक्ष्मी-परिचायक,बद्री वृक्ष जिसे कहते हैं|
शबरी के मीठे बेरों की, राम प्रशंसा खुद करते हैं||
फल का राजा आम कहाता,आम्र-वृक्ष भारतका गौरव|
वातावरण पवित्र बनाता,आम्र-मंजरी का यह सौरभ ||
पेड़ नारियलका उपयोगी,मधुर पौष्टिक श्रीफल नाम|
पंखे, झाड़ू, रस्सी, बोरी और तेल भी आता काम||
मन वांछित फल जो देता है,बोधिसत्व का ज्ञान|
छाया से मन हर्षित होता, वटका वृक्ष महान||
खैर, खेजद्री, शीशम, साल, चीड़, चिनार और बांज, बुरांस|
कटहल,इमली, जामुन, लीची, गुलर, नीम, बबूल, पलास||
सभी वृक्ष कितने उपयोगी, पत्थर मारो फल देते हैं|
ब्यर्थ न काटो, इन्हें बचाओ, ये धरती को जल देते हैं|| (कल्याण में से )