नास्त्यकिर्तीसमो मृत्युर्नास्ति क्रोधसमो रिपु:|
नास्ति निन्दासमं पापं नास्ति मोहसमासव: ||
नास्त्यसुयासमाकिर्तिर्नास्ती कामसमोSनल: |
नास्ति रागसम: पशो नास्ति संगसमं विषम ||
अकीर्ति के सामान कोई मृत्यु नहीं है| क्रोध के सामान कोई शत्रु नहीं है| निन्दाके सामान कोई पाप नहीं है और मोह के सामान कोई मादक वस्तु नहीं है| असूया के सामान कोई अपकीर्ति नहीं, काम के सामान कोई आग नहीं है, राग के सामान कोई बंधन नहीं है और आसक्ति के सामान कोई बिष नहीं है|