एक अंग्रेज भारत मे घूमने को आया| उसने भारत के कई राज्यों की सैर की| उसको भारत पसंद आया और उसने कुछ दिन यहाँ ठहरने का मन बनाया| अंग्रेज ने शहर मे एक घर किराए पर ले लिया| घर के काम काज निपटाने के लिए एक नौकर भी रख लिया| नौकर घर के सारे काम रोटी बनाने से लेकर कपड़े धोने तक का काम करता था| एक दिन अंग्रेज कहीं से एक बगुला मार कर लाया और नौकर से कहा की इसको अच्छी तरह से तड़का लगाकर बनाना| नौकर ने पूरे दिल से बगुले को बनाया पर बगुले को भूनते समय उसने बगुले की एक टांग खा ली| उसने बगुले को पलेट मे सजा कर अंग्रेज के आगे रख दिया| अंग्रेज ने देखा की बगुले की एक टांग गायब है|उसने नौकर को बुलाकर पूछा की इस बगुले की एक ही टांग है दूसरी कहाँ गई| नौकर ने जवाब दिया की बगुले की एक ही टांग होती है| अंग्रेज ने कहा की बगुले की दो टाँगें होती हैं| मे तुम्हें कल सुबह ही दिखा दूंगा | नौकर ने कहा ठीक है| अगले दिन दोनों बगुला देखने चले गए| झील के किनारे एक बगुला बैठा हुआ दिखाई दिया|बगुले ने एक पैर ऊपर उठा रख्खा था| नौकर ने कहा वह देखो बगुले का एक ही पैर है| अंग्रेज ने अपने दोनों हाथों से ताली बजायी| बगुले ने अपना दूसरा पैर नीचे किया और उड़ गया| अंग्रेज ने कहा वह देखो उसके दो पैर हैं| नौकर ने कहा आप रात को प्लेट मे रख्खे बगुले के सामने अपने हाथों से ताली बजाना ही भूल गए| अगर आप ने रात को भी ताली बजाई होती तो वह बगुला भी अपनी दूसरी टांग नीचे कर देता| अंग्रेज को कोई जवाब नहीं सूझा दोनों घर को वापिस आगये| के: आर: जोशी. (पाटली)
हाज़िर जवाबी पसंद आई.
ReplyDeleteप्रस्तुति के लिए शुक्रिया...
कभी जज़्बात पर भी आएं...
लिंक है-
http://shahidmirza.blogspot.com/
ha ha ha ...के: आर: जोशी. (पाटली) ji...bahut dino baad..aisi manohar kahani pri...aisi kahaaniyaa..panchtatr me huaa krti thi.......kahaani me chupe kyi tanz bhi the...haazir jawaawi..laazwaaw thi..bahut achi kahaani
ReplyDeletetake care
पाटिल जी बहुत बहुत धन्यवाद्
ReplyDeleteअच्छा लगा की आप लोगों को कविता पसंद आई,, इसी तरह हमारा मनोबल बढ़ाते रहें
पाटिल जी भावयति पर नज़र डालने के आपके अनुग्रह के लिए आभार
ReplyDeleteसही..बगुला है...
ReplyDeleteये हाज़िर जवाबी बेहद पसन्द आयी। आपका लिन्क मिला स।थ में इतनी अच्छी सारी कहनियां पढने को मिली। सारी बहुत अच्छी है।
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर टिप्पणी के लिए धन्यवाद. पहली बार आपका ब्लॉग देखा है. पाटली को बहुत-बहुत बधाई. आपका संदेश मैंने रंगकर्मी ज़ुल्फ़िकार को फोन पर दे दिया है. उन्होंने ने सभी बलॉग देखने वालों को 'थिएटर एज' में आने का न्यौता दिया है.
ReplyDeleteक्या बात है....
ReplyDeleteखूब बेवकूफ बनाया अंग्रेज़ को !!!
Aap ki kahani bahut pasand aayi. Mere blog www.sharmakailashc.blogspot.com par comment dene ke liye bahut dhanyavad.
ReplyDeleteKailash C Sharma