Wednesday, September 28, 2011

आसक्ति के सामान कोई बिष नहीं

                              नास्त्यकिर्तीसमो मृत्युर्नास्ति क्रोधसमो रिपु:|
                         
                         नास्ति निन्दासमं पापं नास्ति  मोहसमासव: ||
                         
                         नास्त्यसुयासमाकिर्तिर्नास्ती कामसमोSनल: |
                         
                         नास्ति रागसम: पशो नास्ति संगसमं विषम  ||


               अकीर्ति के सामान कोई मृत्यु नहीं है| क्रोध के सामान कोई शत्रु नहीं है| निन्दाके सामान कोई पाप नहीं है और मोह के सामान कोई मादक वस्तु नहीं है|  असूया के सामान कोई अपकीर्ति नहीं, काम के सामान कोई आग नहीं है, राग के सामान कोई बंधन नहीं है और आसक्ति के सामान कोई बिष नहीं है|

29 comments:

  1. सुंदर तरीके से जीवन का रूप दिखा दिया गया है. आभार आपका. MEGHnet

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  2. विचारणीय बहुत प्रेरक .....आपका आभार

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  3. सर्वांग सत्य सूत्र!! मननीय!!

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  4. प्रेरक विचार. अच्छी प्रस्तुति .शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं .

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  5. आपको एवं आपके परिवार को नवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !

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  6. प्रेरक विचार.
    नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.

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  7. सुन्दर सूत्र, आभार!

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  8. सत्य वचन

    प्रस्तुति के लिए आभार

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  9. प्रेरक विचार... अच्छी प्रस्तुति ...

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  10. ....और आपके समान कोई इतनी गंभीर व ज्ञानवर्धक सूत्र बताने वाला भी तो नहीं है.
    बहुत बहुत आभार!

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  11. अकीर्ति तो आज के नेताओं का एलिक्सिर है... उन्हें इसी से तो ऊर्जा मिलती है :(

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  12. अनुकरणीय अनमोल हीरे भरें हैं इस पोस्ट में .

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  13. प्रेरक व अनुकरणीय।

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  14. मंत्र मुग्ध करने वाला मंत्र।

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  15. बिलकुल सच्ची बात है जी ....

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  16. जिंदगी में अपनाने और याद रखने योग्य अनमोल बातें.....

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  17. मोह के सामान कोई मादक वस्तु नहीं है|
    bilkul shi bat.

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  18. बहुत सच कहा है..

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  19. आपको रामनवमी की शुभकामनायें.

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  20. आप्त वचन -आभार

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  21. सार्थक चिंतन ... जय माता दी ...

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  22. सुंदर विचार.

    विजयादशमी की आपको व आपके परिवार को बहुत ढेर सारी शुभकामनाएँ.

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  23. आप सब को विजयदशमी पर्व शुभ एवं मंगलमय हो।

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  24. आप सब को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं !

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  25. It is so wonderful...love it !!Surjit

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