नास्त्यकिर्तीसमो मृत्युर्नास्ति क्रोधसमो रिपु:|
नास्ति निन्दासमं पापं नास्ति मोहसमासव: ||
नास्त्यसुयासमाकिर्तिर्नास्ती कामसमोSनल: |
नास्ति रागसम: पशो नास्ति संगसमं विषम ||
अकीर्ति के सामान कोई मृत्यु नहीं है| क्रोध के सामान कोई शत्रु नहीं है| निन्दाके सामान कोई पाप नहीं है और मोह के सामान कोई मादक वस्तु नहीं है| असूया के सामान कोई अपकीर्ति नहीं, काम के सामान कोई आग नहीं है, राग के सामान कोई बंधन नहीं है और आसक्ति के सामान कोई बिष नहीं है|
very true
ReplyDeleteसुंदर तरीके से जीवन का रूप दिखा दिया गया है. आभार आपका. MEGHnet
ReplyDeleteविचारणीय बहुत प्रेरक .....आपका आभार
ReplyDeleteसर्वांग सत्य सूत्र!! मननीय!!
ReplyDeleteप्रेरक विचार. अच्छी प्रस्तुति .शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं .
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को नवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
ReplyDeleteप्रेरक विचार.
ReplyDeleteनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.
सच है।
ReplyDeleteसुन्दर सूत्र, आभार!
ReplyDeleteसत्य वचन
ReplyDeleteप्रस्तुति के लिए आभार
प्रेरक विचार... अच्छी प्रस्तुति ...
ReplyDelete....और आपके समान कोई इतनी गंभीर व ज्ञानवर्धक सूत्र बताने वाला भी तो नहीं है.
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार!
सुभाषित!!
ReplyDeleteऐसे श्लोकों जैसा अमृत नहीं.
ReplyDeleteअकीर्ति तो आज के नेताओं का एलिक्सिर है... उन्हें इसी से तो ऊर्जा मिलती है :(
ReplyDeleteअनुकरणीय अनमोल हीरे भरें हैं इस पोस्ट में .
ReplyDeleteप्रेरक व अनुकरणीय।
ReplyDeleteमंत्र मुग्ध करने वाला मंत्र।
ReplyDeleteबिलकुल सच्ची बात है जी ....
ReplyDeleteजिंदगी में अपनाने और याद रखने योग्य अनमोल बातें.....
ReplyDeleteमोह के सामान कोई मादक वस्तु नहीं है|
ReplyDeletebilkul shi bat.
बहुत सच कहा है..
ReplyDeleteआपको रामनवमी की शुभकामनायें.
ReplyDeleteआप्त वचन -आभार
ReplyDeleteसार्थक चिंतन ... जय माता दी ...
ReplyDeleteसुंदर विचार.
ReplyDeleteविजयादशमी की आपको व आपके परिवार को बहुत ढेर सारी शुभकामनाएँ.
आप सब को विजयदशमी पर्व शुभ एवं मंगलमय हो।
ReplyDeleteआप सब को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteIt is so wonderful...love it !!Surjit
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