चलना है अगर,
जीवन के बीहड़ राहों में ,
खुद से पहले वादा कर लो|
मंजिल मिले या ना मिले,
चलते रहना क्या कम है,
आज तुम खुद से ये वादा कर लो|
जीना है अगर,
आंसुओं को छुपा लो,
चेहरे पर हँसी,
होंठों पर गीत सजा लो|
बनना है अगर कुछ
मिटाना पड़ेगा जिन्दगी को कुछ,
बाहर अँधेरा ही सही,
अपने अन्दर दीप जला लो|
चलना है अकेले ही,
फिर तलाश क्यूँ है किसी की,
अपनी आत्मप्रेरणा को ही साथी बना लो|
बहुत ख़ूब , शुभकामनायें
ReplyDeleteयह आत्मविश्वास जरूरी है ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर इस बार
उदास हैं हम ....
फिर तलाश क्यूँ है किसी की,
ReplyDeleteअपनी आत्मप्रेरणा को ही साथी बना लो|
sunder pryash.
prerit krti uprokt panktiyon hetu abhaarrrrrrrrr.
बहुत प्रेरक अभिव्यक्ति...आभार..
ReplyDeleteबहुत खूब आत्मविश्वास से भरी प्रस्तुति
ReplyDeleteशुभकामनायें
फिर तलाश क्यूँ है किसी की,
ReplyDeleteअपनी आत्मप्रेरणा को ही साथी बना लो|
isse behatar saathi ho bhi koun sakata hai.... bhut achhi parstuti....
bhut hi sargrbhit our prernadayk rchna . aisi rchnaye sdaiv swagat yogy rhengi .
ReplyDeletebdhai .
मेरे ब्लॉग पर इस बार चर्चा है जरूर आएँ...लानत है ऐसे लोगों पर ....
ReplyDeletethankx for ur comment of my article n your write up is inspiretion for everyone.
ReplyDeleteसराहना के लिए धन्यवाद. विचारों की सहमती ही कविता की सार्थकता है.
ReplyDeletemotivating
ReplyDeleteutprerak likha hai.....padke acha laga
ReplyDeleteBahut hee prerana daayee rachana, bahut khoob.....b
ReplyDeletebahut sunder kavita.
ReplyDeletebahut umda aur saarthak kavita............
ReplyDeleteachha laga baanch kar............
Highly motivating poem! Everything comes from within and nothing comes from without. Great message for readers.
ReplyDeleteshukriya apka. milte rhenge.
ReplyDeleteख़ुद से पहले वादा करो ,मन्ज़िल मिले ना मिले।
ReplyDeleteक़ाबिले-तारीफ़ ।
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ReplyDeleteTo know more about it click on following link...
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Shukriya ji
ReplyDeleteaapki kawita phir se chalne ko prerit karti hai.
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