मन में यह आकांक्षा मचलने लगती है कि उसे डाक्टर, इंजिनियर, वकील साहित्यकार या कलाकार बनना है| कई दिलों में
संपन्न और सम्रद्ध बनने की ख्वाहिश पालने लगते हैं| हर युवक अपने अपने सपने साकार करना चाहता है| परइनमें
से कुछ ही युवक सफल हो पाते हैं| क्यों कि सभी अपने उद्देश्य के मुताबिक परिश्रम नहीं करते, या यों कहिए कि वो परिश्रम
करने की ओपचारिकता ही निभाते हैं| ऐसी हालत में सफलता हासिल करना कैसे संभव है? मनुष्य का उद्देश्य जितना ऊँचा हो
उसे प्राप्त करने के लिए परिश्रम भी उसी अनुपात में करने की जरुरत है| अगर परिश्रम में थोड़ी सी भी कमी रहगई तो मनुष्य
उद्देश्य प्राप्ति से वंचित रह जाता है|
आप जो बनना चाहते हैं, उसका चित्र हर समय आप की आँखों के सामने और ह्रदय में रहना चाहिए| लक्ष्य पाने की चाह
एक नशे की तरह होनी चाहिए,जो हर पल चढ़ा रहे| ऐसी स्थिति में आप के कदम स्वत: लक्ष्य की ओर बढ़ने लगेंगे| इसके
विपरीत आप अगर चाहें कि परिश्रम किए बिना और समय का सदुपयोग किए बिना सफल हो जाएँ या लक्ष्य प्राप्त कर लें तो यह
संभव नहीं है| आप ने कहीं बाहर जाना है और आप को बता दिया जाए कि यह रास्ता बस अड्डे को जाता है, आप को वहीँ से
बस मिलेगी, आप उस रास्ते पर चलते ही नहीं तो क्या आप बस अड्डे पहुँच सकते हैं? नहीं ना| वैसे ही बिना परिश्रम के
सफलता प्राप्त कर लेना या मंजिल तक पहुंचना संभव नहीं है| इसलिए परिश्रम करने पर सफलता पाना असंभव नहीं है| दृढ
निश्चय के साथ कदम बढाएं और परिश्रम कीजिए सफलता आप को विजय का ताज कैसे नहीं पहनाती|
कितनी गहरी बातें बताई हैं आपने.... मैं सब याद रखने की कोशिश करूंगा ...
ReplyDeleteआपके दोनों ब्लोग्स बड़े अच्छे हैं...
मंजिल पर पहुंचने के लिये सार्थक बातें बताई आपने। आज सभी बच्चों को भी इस प्रोत्साहन और मार्ग दर्शन की जरूरत है जो एक छलाँग मे ऊपर की सी ढी पर पहुँचने के प्रयास मे धडाम से नीचे गिर जाते है। धन्यवाद।
ReplyDeleteकितनी गहन बातें इतनी सरलता से स्पष्ट की हैं...बधाई
ReplyDeleteअत्यंत सारगर्भित,प्रेरक एवं अनुकरणीय आलेख|साधुवाद|
ReplyDelete- अरुण मिश्र.
आत्मविश्लेषण को मजबूर करती पोस्ट , कोई इन बातों को अपने जीवन में धारण कर ले तो निश्चित ही सफलता उसके कदम चूमेगी
ReplyDeleteशुभकामनायें
प्रेरक एवं अनुकरणीय आलेख.........
ReplyDelete"PATALI" Shyad ek gaon ka naam hai yh?kuch suna, suna sa lagta hai..........
nice
ReplyDeleteभाकुनी जी आप ने सही सुना है, पटली मेरे गांव का नाम है| जो गरुड़ के नजदीक है| धन्यवाद|
ReplyDeletevery good thanks for thinking good and give a nice idea's to be positive and Win.
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