किसी गांव में दो लड़कियां रहती थी| एक का नाम मधु था दूसरी का नाम परु था| दोनों की आपस में गहरी दोस्ती थी| दोनों के घर एकदूसरे के नजदीक थे| दोनों सहेलियां एक ही स्कूल में पढती थीं| पर इनका स्वभाव अलग अलग था| मधु काफी चंचल और चुलबुली लड़की थी| पर परु शांत और गंभीर स्वभाव की थी| कोई भी काम होता दोनों मिल कर किया करती थीं| गांव में कोई भी काम होता तो दोनों सहेलियां साथ साथ पहुँच जाती,खास कर गांव में जब कोई बारात आती थी| जिस घर में भी बारात आती थी दोनों सहेलियां दौड़ पड़ती थी और जाकर छज्जे पर जा के खड़ी हो जाती थी| वहीँ से बारात को देखा करती थीं| मधु आमतौर पर बारातियों का मजाक उड़ाते हुए कह देती देखो घोड़े पर कौन ? फिर खुद ही कह देती गधा बैठ कर आ रहा है| आस पास में जो भी सुनता वह हंस देता था| यह सिल सिला काफी देर तक चलता रहा| कुछ समय बाद मधु की सगाई हो गई| शादी की तारीख भी पक्की हो गई थी| नियत तारीख को बारात बाजे गाजे के साथ मधु के दरवाजे पर आ गई| सब बारात देखने दौड़ पड़े मधु भी उन के साथ दौड़ पड़ी और छज्जे में जाकर खडी हो गई| दुल्हे को देखते ही परु बोल पड़ी कि मधु घोड़े पर कौन,आदत मुताबिक मधु ने कह दिया "गधा"| वहां खड़े सभी की जोर से हंसी फूट गई| जब मधु को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने अपना सर नीचे कर के आखें झुका लीं| पर शर्म के मारे किसी से कुछ कह नहीं पाई| मधु की मजाक करने की आदत उसके ऊपर ही भारी पड़ गई|इस लिए किसी का भी ब्यर्थ में मजाक नहीं उड़ाना चाहिए|
के: आर: जोशी.(पाटली)
कुछ मजाक दोस्तों में चलती है...और उन्हें ही हक भी है...फिर भी कुछ सीख तो है
ReplyDeleteachhi aur prerna dayak kahani hai...
ReplyDeleteअच्छी कहानी, आपकी टिप्पणी के लिये भी धन्यवाद :)
ReplyDeleteआप सब का धन्यवाद|
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