Wednesday, June 22, 2011

सत्य के मार्ग पर

बातें तो सभी सुनते हैं
पर जो अमल करता है
सुनना उसी का सार्थक है
अकेले चलना सीखो 
साथ किसी का मत ढुंढो
ईश्वर सदा तुम्हारे साथ है 
उसका तो युगों-युगों का साथ है 
बनना है तो नदी की लहर समान  बनो 
यह कैसी सतत कार्यशील है देखो 
कभी तुमने इसे स्थिर देखा है 
न तो यह कभी रूकती है 
न कभी मुड़ कर पीछे देखती है 
मार्ग में कितनी ही बाधाएँ हों 
यह निरंतर आगे बढती ही रहती है 
वह कभी असफल हो ही नहीं सकता 
जिस ने खुद को लहरों के समान बना लिया 
सत्य के मार्ग पर वह बढ़ता ही चला जाता है|

31 comments:

  1. लहर के समान जीवन जीने वाले को जीवन के दुख कम सताते हैं. जो ईश्वर को सदा अंग-संग मानता है ईश किसी न किसी रूप में उसके संग रहेंगे. बहुत बढ़िया शब्दों के साथ आपने बात कह दी है.

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  2. वह कभी असफल हो ही नहीं सकता
    जिस ने खुद को लहरों के समान बना लिया
    बहुत सही कहा है। औरों की प्रतीक्षा क्या करना .. बस आगे बढते जान है।

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  3. वह कभी असफल हो ही नहीं सकता
    जिस ने खुद को लहरों के समान बना लिया
    --
    बहुत सुन्दर और प्रेरक रचना!

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  4. लहर गतिमान होती है
    लहर मतिमान होती है
    लहर में वेग होता है
    लहर बलवान होती है.

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  5. सत्य कठिन है किन्तु प्रबल है।

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  6. बहुत ही उत्कृष्ट रचना.........जीवन पथ पर बढ़ने की प्रेरणा दायक पोस्ट.धन्यवाद

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  7. बातें तो सभी सुनते हैं
    पर जो अमल करता है..........
    प्रेरक रचना! धन्यवाद .

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  8. एक सार्थक समसामयिक रचना , बधाई।

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  9. वस्तुतः सत्य पर अमल करना कठिन भले ही लगे लेकिन मुश्किल नहीं है.यदि हम चाहें तो क्या नहीं कर सकते ?नदी का उदहारण व्यक्ति को कर्मशील बनाने हेतु बहुत उत्तम है.

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  10. सत्‍य की राह तो हमेशा से ही कठिन रही है ... ।

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  11. बातें तो सभी सुनते हैं
    पर जो अमल करता है
    सुनना उसी का सार्थक है
    bahut sahi kaha aapne

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  12. सुन्दर उपमाएं देकर ज्ञानवर्धक बातें. काश ! हम भी नदी की भांति निर्बाध, नियमित और नित्य चल सकते.
    एक सार्थक पोस्ट. ....आभार.

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  13. जिस ने खुद को लहरों के समान बना लिया
    सत्य के मार्ग पर वह बढ़ता ही चला जाता है|

    सुन्दर एवं सार्थक रचना ..

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  14. चरैवेति चरैवेति!! लहरों के समान चलना ही लक्ष्य तक पहुँचाता है.. जो इस इंतज़ार में बैठे हों कि कोई आएगा मदद को वो बस बैठे ही रह जाते हैं!! अच्छी सीख!!

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  15. जिस ने खुद को लहरों के समान बना लिया
    सत्य के मार्ग पर वह बढ़ता ही चला जाता है|
    सुन्दर और प्रेरक रचना.........

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  16. बेह्तरीन रचना ! बधाई !

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  17. very nice post
    साथ किसी का मत ढुंढो
    ईश्वर सदा तुम्हारे साथ है
    उसका तो युगों-युगों का साथ है

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  18. आपकी इस उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी की चर्चा आज शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!

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  19. बहुत सुन्दर, सार्थक और प्रेरणादायक रचना! हर एक पंक्तियाँ लाजवाब है! उम्दा प्रस्तुती!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  20. एक सार्थक सटीक रचना |बधाई
    आशा

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  21. पर ये सत्य का मार्ग ही तो कठिन है ... लहरें तो सब सह लेती हैं पर इंसान के बस में इतनी रुकावटें सहना आसान नहीं होता ...

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  22. सत्य का मार्ग कठिन अवश्य है, लेकिन जो एक बार इस का अभ्यस्त हो जाता है उसके लिये आगे का रास्ता स्वयं आसान हो जाता है...बहुत सार्थक और प्रेरक प्रस्तुति...

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  23. ईश्वर की सत्ता को स्वीकार कर लें तो कुछ भी गलत हो ही नहीं सकता ,अगर कुछ अभी ठीक नहीं भी लग रहा है तब भी भविष्य में उसका इतना मनोहारी रूप सामने आता है कि परम आनन्द की अनुभूति होती है .....
    बहुत अच्छा लिखा है आपने .....आभार !

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  24. प्रेरणा देने वाली अच्छी प्रस्तुति ... सतत बहते रहना ही जीवन है ..

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  25. सार्थक प्रेरक रचना

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  26. वह कभी असफल हो ही नहीं सकता
    जिस ने खुद को लहरों के समान बना लिया
    बड़ी ही सार्थक सूक्ति....

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  27. जिस ने खुद को लहरों के समान बना लिया
    सत्य के मार्ग पर वह बढ़ता ही चला जाता है

    बहुत सुंदर प्रेरक कविता।
    हमें लहरों के समान बनना होगा।

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  28. bahut sundar
    mere blog se update rahe aur apni raay dete rahe
    blog me raay dene ke liye dhanybaad
    chhotawritersblogspot.com

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  29. जीवन जीने के सार्थक सूत्र देती रचना। बधाई।

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  30. जिस ने खुद को लहरों के समान बना लिया
    सत्य के मार्ग पर वह बढ़ता ही चला जाता है|

    सही बात कही है सर!

    सादर

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