Friday, April 22, 2011

कौसानी


             कौसानी उत्तराखंड का एक पर्यटक स्थल है| यह अल्मोड़े से ५३ की: मी: की  दूरी पर अल्मोड़ा बागेश्वर मोटर मार्ग पर स्थित है| कौसानी समुन्द्र ताल से १८९० मी:  की ऊंचाई पर है| यहाँ से ३५० की:मी: चौड़ी हिमालय पर्वत श्रंखला दिखाई देती है| उत्तराखंड में बहुत कम जगहों से ऐसे नज़ारे देखने को मिलते हैं| यहाँ से नंदा देवी, नंदाकोट, पंच्सुली, कमेट आदि कई जगप्रसिद्ध चोटियाँ  एक साथ दिखाई देती हैं| कौसानी एक ऊँची पहाड़ी में स्थित है, इस के एक तरफ सोमेश्वर की घाटी है और दूसरी तरफ बैजनाथ (कत्यूर) की घाटी है| जब १९२९ में महात्मा गांधी जी बागेश्वर में जनसमूह को संबोधन करने के लिए आये तो उन्होंने कौसानी के अनासक्ति आश्रम में कुछ समय बिताया| जहाँ इस समय कस्तूरबा गांधीजी का संग्रहालय है| उस समय गाँधी जी ने कौसानी को स्विट्जरलेंड ऑफ़ इंडिया का नाम दिया था| यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का का नजारा देखते ही बनता है ऐसे लगता है जैसे सारे हिमालय को सोने की चादर से ढक दिया हो|
              
               हिंदी के मशहूर कवि सुमित्रा नंदन पन्त जी की यह जन्म स्थली है| जहा पर उन्हों ने अपना बचपन बिताया|  पन्त जी जिस घर में पैदा हुए थे वहां अब उनका संग्रहालय बना दिया गया है| पन्त जी जिस स्कूल में पड़ते थे वह आज भी उसी तरह चल रहा है|
                 
                कौसानी में एक लक्ष्मी आश्रम (सरला देवी आश्रम) भी है| जो बस स्टेसन से १ की: मी: की दूरी पर स्थित है| यह आश्रम एक अंग्रेज औरत ने बनाया था जो लन्दन की मूल निवासी थी| जिस का नाम कैथरीन मेरी हेल्व्मन था| वह जब १९४८ में हिंदुस्तान घूमने आई तो गाँधी जी से प्रभावित होकर हिंदुस्तान में ही रह गयी| कौसानी को उन्हों ने अपने करम स्थली के रूप में चुना| यहाँ उन्हों ने लक्ष्मी आश्रम के नाम से एक बोर्डिंग स्कूल चलाया जिस में लड़कियों को सिलाई कढ़ाई बुनाई आदि सिखाया जाता है| श्री कृष्ण जन्मा अष्टमी को यहाँ बहुत भारी मेला लगता है|

                  कौसानी में एक उत्तराखंड टी इस्टेट भी है जो कौसानी से ६ की:मी: की दूरी पर बैजनाथ की तरफ को है| यहाँ की चाय काफी खुशबूदार होती है| यहाँ की चाय विदेशो को जाती है जिसकी विदेशों में काफी मांग है| आम तुलना में यहाँ की चाय की कीमत बहुत ज्यादा है|   

50 comments:

  1. कसौनी के बारे में संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित जानकारी.. बहुत बढ़िया...

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  2. महत्त्वपूर्ण जानकारी।

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  3. कविवर सुमित्रानंदन पन्त जी की जन्मस्थली कसौनी को शत शत नमन.बहुत बहुत आभार सुन्दर जानकारी प्रस्तुत करने के लिए.

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  4. बहुत सुन्दर जानकारी.
    इन जगहों पर शायद कभी न जा पायें.
    पर आप के द्वारा दी जानकारी से लगता है कि भ्रमण कर आये.
    बहुत आभार.

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  5. कसौनी के बारे में जानकारी आपने बहुत रोचक और सुंदर तरीके से दी है
    ..उपयोगी और ज्ञानवर्द्धक पोस्ट....

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  6. सुन्दर हरा भरा कौसानी।

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  7. मन बहुत दिन से है, देखते हैं कब जा पाएंगे ! शुभकामनायें आपको !

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  8. कसौनी के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी आपने दी ..............कभी मौका मिला तो जरुर देखेंगे. . सुंदर प्रस्तुति.

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  9. कविवर पन्त की जन्मस्थली कौसानी के घर बैठे पर्यटन कराने के लिए धन्यवाद.

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  10. अब तो आना ही पड़ेगा

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  11. सुंदर जानकारी देने के लिए आभार. वादियाँ मन मोहती आ रही हैं.

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  12. bahut hi saargarbhit jaankari...badhayi..

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  13. कैथरीन मेरी हेल्व्मन की बढि़या संक्षिप्‍त जानकारी, सुंदर नजारे.

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  14. कौसानी वास्तव में सुन्दर और रमणीक स्थल है!

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  15. राम-राम जी,
    कौसानी के बारे में तो बहुत लिखा पर फ़ोटो सिर्फ़ एक, ये नाइंसाफ़ी है।

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  16. कविवर सुमित्रा नंदन पंत की जन्म स्थली कौसानी के संबंध में जानना सुखद रहा।

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  17. इन हरी वादियों को देख कर मन हरा हो गया:)

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  18. आपने तो कौसानी के दर्शन यहीं से करा दिये,आभार

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  19. kausani vakai me bahut sundar sthal hai... sumitranadan ji kee rachnaa me kKausani kee subah kaa bhi badi khoobsoorti se varnan huva hai... mai is ilake se kai baar gujri par Kausani jana nahi ho paya ... vaise ranikhet almora dekh kar andaja lagaya jaa sakta hai ki Kausani kitnaa khoobsoorat hoga ... Vaise raaste me tea garden mile they... aapne hamari yaad taja kar dee aur jahan jane kee ichha reh gayi thee baaki vah bhi dikha diya... Dhanyvaad..

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  20. सुमित्रा नंदन पन्त जी की यह जन्म स्थली कौसानी के बारे में जानकर सुखद लगा...
    सचमुच बहुत सुन्दर स्थान है...

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  21. उपयोगी जानकारी.
    रोचक प्रस्तुति.
    बहुत खूब.

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  22. अच्छा लगा कौसानी के बारे में जानना. उपयोगी जानकारी

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  23. आपने तो कौसानी के दर्शन यहीं से करा दिये,आभार

    व्यस्तता के कारण देर से आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ.

    आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् और आशा करता हु आप मुझे इसी तरह प्रोत्सन करते रहेगे
    दिनेश पारीक

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  24. आभार .......... कौसानी के बारे में सुन्दर जानकारी प्रस्तुत करने के लिए.

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  25. ab to camera lekar aana hi honga ji

    badhayi

    मेरी नयी कविता " परायो के घर " पर आप का स्वागत है .
    http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/04/blog-post_24.html

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  26. जानकारी के लिए आभार ,,,,,

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  27. बहुत सुन्दर जानकारी !

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  28. नए स्थल की जानकारी के साथ सुन्दर, दिव्य और चित्रमय प्रस्तुति के लिए आभार. कौसानी के बारे में तो बचपन से सुनते आये थे किन्तु एक बार सितम्बर के महीने जब वहां से गुजरना हुआ तो साफ़ धुले हुए मौसम में सामने विशाल हिमालय और नीचे व्यापक विस्तार लिए गरुड़-बैजनाथ की घाटी देखकर दिल 'धक्' रह गया, जैसे जाने करोड़ों का खजाना मुझे मिल गया हो, बल्कि इससे भी कहीं अधिक......... हिमालय का विस्तार खिर्सू से देखा, चौकोड़ी से देखा, प्रतापनगर से देखा किन्तु कौसानी का सौन्दर्य वर्णनातीत है भाई......... शुभकामनायें.

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  29. बहुत रोचक और उपयोगी जानकारी..आभार

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  30. कसौनी के बारे बहुत ही बढ़िया जानकारी दी...
    तस्वीरें मन मुग्ध करनेवाली हैं

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  31. सुमित्रा नंदन पंत की जन्म स्थली कौसानी के बारे मे इतनी सटीक जानकारी देने के लिये आभार

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  32. बहुत अच्छी जानकारी। धन्यवाद।

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  33. प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रा नंदन पन्त जी की सुन्दर 'कौसानी' पर मनमोहक लेख ....अति सुन्दर

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  34. अच्छा लगा कौसानी के बारे में जानना.


    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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  35. कवि पन्त की जन्मस्थली कौसानी की तो बात ही निराली है .बहुत सुन्दर आलेख.

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  36. Sundar sandesh parak post..aabhar..

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  37. aapka blog bahut accha hai mere blog par aane ke liye ,dhanyavad

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  38. aapke blog ke madhyam se ghoom aai............thanks.

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  39. कसौनी का पर्यटन हो गया। खुबसूरत वादी की सारगर्भित जानकारी।

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  40. उत्तराखंड घूमने की दिल्ली इच्छा है... कौसानी का खूबसूरत चित्रण करने के लिए धन्यवाद....

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  41. wonderful place and extremely wonderful description...

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  42. एक लक्ष्मी आश्रम (सरला देवी आश्रम) भी है| जो बस स्टेसन से १ की: मी: की दूरी पर स्थित है| यह आश्रम एक अंग्रेज औरत ने बनाया था जो लन्दन की मूल निवासी थी| जिस का नाम कैथरीन मेरी हेल्व्मन था| वह जब १९४८ में हिंदुस्तान घूमने आई तो गाँधी जी से प्रभावित होकर हिंदुस्तान में ही रह गयी| कौसानी को उन्हों ने अपने करम स्थली के रूप में चुना| यहाँ उन्हों ने लक्ष्मी आश्रम के नाम से एक बोर्डिंग स्कूल चलाया जिस में लड़कियों को सिलाई कढ़ाई बुनाई आदि सिखाया जाता है|

    रोचक जानकारी .....

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  43. कौसानी कभी गये नही । सुंदर चित्रों के साथ अच्छी जानकारी ।

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  44. Ab jana hi padega kausani... Sundar chitrad.. Kabhi aye avinash001.blogspot.com naya hun blogjagat me mujhe pachan chahiye bus aapka sath chahiye

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  45. तस्वीरें देखकर वहाँ जाने का मन करता है और उपर से आपके द्वारा तलस्पर्शी वर्णन । बधाई।

    मार्कण्ड दवे।

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  46. बहुत सुन्दर नजारे |आपका आभार विस्तृत जानकारी के लिए |

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  47. Aapki jaankaari ke liyein liyein aapka tahe dil se shukiriyaa . . . mein bhi issein apne dosto ke saath share karnaa chaahungaa . . .

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  48. महत्त्वपूर्ण जानकारी।

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