Tuesday, October 5, 2010

"घोड़े पर कौन"

किसी गांव में  दो लड़कियां रहती थी| एक का नाम मधु था दूसरी का नाम परु था| दोनों  की  आपस में गहरी दोस्ती थी| दोनों के घर एकदूसरे के नजदीक थे| दोनों सहेलियां एक ही स्कूल में पढती थीं| पर इनका  स्वभाव  अलग अलग था| मधु काफी चंचल और चुलबुली  लड़की थी| पर परु शांत और गंभीर स्वभाव की थी| कोई भी काम होता दोनों मिल कर किया करती थीं| गांव में कोई भी काम होता तो दोनों सहेलियां साथ साथ पहुँच जाती,खास कर  गांव में जब कोई बारात आती थी| जिस घर में भी बारात आती थी दोनों सहेलियां दौड़ पड़ती थी और जाकर छज्जे पर जा के खड़ी हो जाती थी| वहीँ से बारात को देखा करती  थीं| मधु आमतौर पर बारातियों का मजाक उड़ाते हुए कह देती देखो घोड़े पर कौन ? फिर खुद ही कह देती गधा बैठ कर आ  रहा है| आस पास में जो भी सुनता वह हंस देता था| यह सिल सिला  काफी देर तक चलता रहा| कुछ समय बाद मधु की सगाई हो गई| शादी की तारीख भी पक्की हो गई थी| नियत तारीख को बारात बाजे गाजे के साथ मधु के दरवाजे पर आ गई| सब बारात देखने दौड़ पड़े मधु भी उन के साथ दौड़ पड़ी और छज्जे में जाकर खडी हो गई| दुल्हे को देखते ही परु बोल पड़ी कि मधु घोड़े पर कौन,आदत मुताबिक  मधु ने कह दिया "गधा"| वहां खड़े सभी की जोर से हंसी फूट गई| जब मधु को  अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने अपना सर नीचे कर के आखें झुका लीं| पर शर्म के मारे किसी से कुछ कह नहीं पाई| मधु की मजाक करने की आदत उसके ऊपर ही भारी पड़ गई|इस लिए किसी का भी ब्यर्थ में मजाक नहीं उड़ाना चाहिए|
                                                                                               के: आर: जोशी.(पाटली)

4 comments:

  1. कुछ मजाक दोस्तों में चलती है...और उन्हें ही हक भी है...फिर भी कुछ सीख तो है

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  2. achhi aur prerna dayak kahani hai...

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  3. अच्छी कहानी, आपकी टिप्पणी के लिये भी धन्यवाद :)

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  4. आप सब का धन्यवाद|

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