वेदों में उसी स्त्री को नारी कहा है जो पतिवल्लभा तथा पति का अनुगमन करने वाली है। ऐसी नारी ही सद-गृहिणी कहलाती है और ऐसी गृहिणी से संपन्न घर ही गृह कहलाता है। लकड़ी पत्थर आदि से निर्मित स्थान गृह नहीं कहलाता, वह तो गृह होते हुए भी शून्य के समान है। कदाचित गृह नारिपदभाक न हो तो वह गृह गृह नहीं, अपितु कलह-स्थान है। यदि सद-गृहिणी साथ में हो तो वृक्ष के मूल में स्थित हुए पति को वह स्थान भी मंदिर के सामान समझना चाहिए, क्यों की सती स्त्री जहाँ रहती है वहां सभी सुख समृद्धियाँ, सम्पतियाँ स्वयमेव चली आती है। सतीं स्त्री देवीरुपा है, लक्ष्मीरूपा है। ऐसी स्त्री से रहित प्रासाद भी अरण्य के समान ही है। वेद में आया है कि यज्ञादि में इन्द्र देवता का आवाहन किया गया और हवि-ग्रहण के अनंतर गृह के लिए प्रयाणकाल के समय महर्षि विश्वामित्र इन्द्र को गृह और गृहणी की महिमा बताते हैं। कल्याणी स्त्री से युक्त स्थान चाहे वह जंगल ही क्यों न हो, उत्तम गृह ही है; क्यों की ऐसी स्त्री से संपन्न स्थान समस्त कल्याण-मंगल के जनक होते हैं।
सहमत।
ReplyDeleteआपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी पुरानी हलचल पर कल शनिवार 21/1/2012 को। कृपया पधारें और अपने अनमोल विचार ज़रूर दें।
ReplyDeleteससम्मान ही रखना है, गृहणी को..
ReplyDeleteसुन्दर विचार ..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सर!
ReplyDeleteसादर
सुन्दर विचार
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteसुन्दर कहानी ....
ReplyDeleteसुंदर विचार समय मिले आपको कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
ReplyDeletehttp://aapki-pasand.blogspot.com/2012/01/blog-post_21.html
ससम्मान ही रखना ससम्मान ही रखना |
ReplyDeleteसुन्दर विचार.
ReplyDeleteagreed.
बहुत अच्छा लगा आपके पोस्ट पर आकार
ReplyDelete....नारी की महत्ता का परिचय कराया है ..पर यदि ये बात लोगों को समझ आ जाये तो फिर नारी शोषण शायद कुछ कम हो
बाह्यत अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आ कर ...नारी की महत्ता का परिचय कराया है पर यही बात लोगों की समझ आ जाय तो फिर नारी शोषण शायद कुछ कम हो
ReplyDeleteसद्विचार के साथ एक सार्थक पोस्ट ! आभार !
ReplyDeleteनारी की महत्ता को जानकार कर अच्छा लगा....सुन्दर विचार
ReplyDeleteकल्याणी का नाम ही स्त्री है. सुंदर पोस्ट.
ReplyDeleteउत्तम विचार।
ReplyDeleteजहां कल्याणी स्त्री है, वहां मंगल ही मंगल है।
बहुत सार्थक अभिव्यक्ति सुंदर विचार,.....
ReplyDeletenew post...वाह रे मंहगाई...
Thanx for comment on my blog at new post.
ReplyDeleteकमाल का विचार है!
ReplyDeleteबहुत सार्थक प्रस्तुति...
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