Friday, December 10, 2010

"कुछ व्यावहारिक सच्चाइयाँ "

            गुणी व्यकियों की संगती से बढ कर कोई लाभ नहीं और मूर्खों के संसर्ग से अधिक कोई दुःख नहीं है| समय की हानि सब से बड़ी हानि है| धर्मानुकूल आचरण में अनुराग ही निपुणता है| शूर वही है जो जितेन्द्रिय है|पत्नी वह अच्छी है जो पति  के अनुकूल आचरण करे| विद्या से बड़ा कोई धन नहीं है| अपने घर में रहने से अधिक  कोई सुख नहीं है| राज्य वही है जहाँ राजा का अनुशासन सफल है| तात्पर्य यह कि साधु स्वभाव वाले गुणी ब्यक्तियों के संग में रहने से अधिक लाभप्रद कोई बात नहीं| ब्यक्ति प्राय: अपनी परिस्थितियों से ही  प्रभावित होकर नहीं रहना चाहता है| सामाजिक प्राणी होने के कारण मनुष्य कभी अकेला नहीं रहना चाहता और साथी की तलाश उसके जीवन के प्रारम्भ में ही शुरू हो जाती है| यदि साथी अच्छे मिल जाएँ तो वह भी अच्छे मार्ग पर चल पड़ता है| मनुष्य का कौशल इसमें नहीं है कि वह अपनी कुटिल चालों से दूसरों को ठग कर आगे बढे| वरन कौशल  तो यह है किवह सदाचार की मान्यताओं  और महांपुरुशों द्वारा सम्मत विश्वासों का सम्मान करते हुए अपने में सदगुणों की प्रतिष्ठा  करता जाए| धर्मानुकूल चलने में कुछ कठिनाइयाँ अवश्य आती हैं, किन्तु कठिनाइयों को पार करने की शक्ति भी उसी से मिलती है| धर्म मनुष्य को संयम की शिक्षा देता है, सच्चा संयमी ही शूर वीर होता है| संसार पर वही विजय पाता है जो संयम से अपने पर ही विजय पाए|
कल्याण में से|

14 comments:

  1. बहुत सही कहा अपने आज के ज़माने में चाणक्य निति एक सटीक है........उन्होंने जीवन के हर पहलु पर अपने विचार समाज को दिये......यह विचार आज के हमारे समाज के लिए जरुरी है....... अच्छी पोस्ट के लिए धन्यवाद

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  2. सच्चा संयमी ही शूर वीर होता है
    xxxxxxxxxxxxxxxxx
    सयमं सच में इंसान को इंसान बनने की प्रेरणा देता है ... और व्यक्ति को आलौकिक शक्तियों का पुंज बना देता है ...बहुत प्रेरणादायक विचार ...शुक्रिया

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  3. सुन्दर एवं प्रेरणादायक विचार
    आभार



    क्रिएटिव मंच के नए कार्यक्रम 'सी.एम.ऑडियो क्विज़' में आपका स्वागत है.
    यह आयोजन कल रविवार, 12 दिसंबर, प्रातः 10 बजे से शुरू हो रहा है .
    आप का सहयोग हमारा उत्साह वर्धन करेगा.
    धन्यवाद

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  4. Correct. Patience is a great virtue.

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  5. ... shikshaaprad post ... bahut sundar !!!

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  6. आपकी माँ रचना बहुत प्रभावशाली है!

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  7. अच्छी पोस्ट के लिए धन्यवाद ......

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  8. प्रेरणादायक विचार
    आभार

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  9. अब लोग सिर्फ तमाशा देखने आते है /
    मानवीयता शायद मर सी गई है बड़े भाई //

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  10. सार्थक विचार .....प्रेरणादायी पोस्ट....

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  11. हर बात
    पठनीय...
    हर सन्देश
    अनुकरणीय...
    हर विचार
    विचारणीय......

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  12. मोटे तौर पर ठीक है। एक अन्य पहलू यह है कि दूसरे को मूर्ख समझना भी एक बड़ा अहंकार है। कहा भी गया है,बुरा जो देखन मैं चला.....

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