बलमा घर आयो फागुन में -२
जबसे पिया परदेश गये , आम लगावे बागन में।
बलमा घर…
चैत मास में कांफल पाके, आम जी पाके सावन में।
बलमा घर…
गऊ को गोबर आंगन लिपायो, मंगल काज करावन में।
बलमा घर…
प्रिय बिन बसन रहे सब मैले, चोली चादर भिजावन में।
बलमा घर…
भोजन पान बानये मन से, लड्डू पेड़ा लावन में।
बलमा घर…'
सुन्दर तेल फुलेल लगायो, स्योनिश्रृंगार करावन में।
बलमा घर…
वस्त्र आभूषण साज सजाये, लागि रही पहिरावन में।
बलमा घर आयो फागुन में।
क्या बात है :-) सुन्दर वासन्तिक रचना !
ReplyDeleteवाह !!! बहुत उम्दा सराहनीय गीत ,,
ReplyDeleteहोली का पर्व आपको शुभ और मंगलमय हो!
Recent post : होली में.
होली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteसुन्दर फागुनी गीत ... होली की बहुत-बहुत बधाई...
ReplyDeleteखुबसूरत रचना...शुभ होलिकोत्सव आपको...सपरिवार...
ReplyDeleteमंगल गावो फागुन में।
ReplyDelete