Thursday, August 19, 2010

|| एक टांग वाला बगुला ||

            क अंग्रेज भारत मे घूमने को आया| उसने भारत के कई राज्यों की सैर की| उसको भारत  पसंद आया और उसने कुछ दिन यहाँ ठहरने  का मन बनाया| अंग्रेज ने शहर मे एक घर किराए पर ले लिया| घर के काम काज निपटाने के लिए एक नौकर भी रख लिया| नौकर घर के सारे काम रोटी बनाने से लेकर कपड़े धोने तक का काम करता था| एक  दिन अंग्रेज कहीं से एक बगुला मार कर लाया और नौकर से कहा की इसको अच्छी तरह से तड़का लगाकर बनाना| नौकर ने पूरे दिल  से बगुले को बनाया पर बगुले  को भूनते समय उसने बगुले की एक टांग खा ली| उसने बगुले  को पलेट मे सजा कर अंग्रेज के आगे रख दिया| अंग्रेज ने देखा की बगुले की एक टांग गायब है|उसने नौकर को बुलाकर पूछा की इस बगुले की एक ही टांग है दूसरी कहाँ गई| नौकर ने जवाब दिया की बगुले की एक ही टांग होती है| अंग्रेज ने कहा की बगुले की दो टाँगें होती हैं| मे तुम्हें कल सुबह ही दिखा दूंगा | नौकर ने कहा ठीक है| अगले दिन दोनों बगुला देखने चले गए| झील के किनारे एक बगुला बैठा हुआ दिखाई दिया|बगुले ने एक पैर ऊपर उठा रख्खा था| नौकर ने कहा वह देखो बगुले का एक ही पैर है| अंग्रेज ने अपने दोनों हाथों से ताली बजायी| बगुले ने अपना दूसरा पैर नीचे किया और उड़ गया| अंग्रेज ने कहा वह देखो उसके दो पैर हैं| नौकर ने कहा आप  रात को प्लेट  मे रख्खे बगुले के सामने अपने हाथों से ताली बजाना ही भूल गए| अगर आप ने रात को भी ताली बजाई होती तो वह बगुला भी अपनी दूसरी टांग नीचे कर देता| अंग्रेज को कोई जवाब नहीं सूझा दोनों घर को वापिस आगये|                                                                के: आर: जोशी. (पाटली)

9 comments:

  1. हाज़िर जवाबी पसंद आई.
    प्रस्तुति के लिए शुक्रिया...
    कभी जज़्बात पर भी आएं...
    लिंक है-
    http://shahidmirza.blogspot.com/

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  2. ha ha ha ...के: आर: जोशी. (पाटली) ji...bahut dino baad..aisi manohar kahani pri...aisi kahaaniyaa..panchtatr me huaa krti thi.......kahaani me chupe kyi tanz bhi the...haazir jawaawi..laazwaaw thi..bahut achi kahaani
    take care

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  3. पाटिल जी बहुत बहुत धन्यवाद्
    अच्छा लगा की आप लोगों को कविता पसंद आई,, इसी तरह हमारा मनोबल बढ़ाते रहें

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  4. पाटिल जी भावयति पर नज़र डालने के आपके अनुग्रह के लिए आभार

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  5. ये हाज़िर जवाबी बेहद पसन्द आयी। आपका लिन्क मिला स।थ में इतनी अच्छी सारी कहनियां पढने को मिली। सारी बहुत अच्छी है।

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  6. मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी के लिए धन्यवाद. पहली बार आपका ब्लॉग देखा है. पाटली को बहुत-बहुत बधाई. आपका संदेश मैंने रंगकर्मी ज़ुल्फ़िकार को फोन पर दे दिया है. उन्होंने ने सभी बलॉग देखने वालों को 'थिएटर एज' में आने का न्यौता दिया है.

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  7. क्या बात है....
    खूब बेवकूफ बनाया अंग्रेज़ को !!!

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  8. Aap ki kahani bahut pasand aayi. Mere blog www.sharmakailashc.blogspot.com par comment dene ke liye bahut dhanyavad.
    Kailash C Sharma

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