tag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post6278268697375096835..comments2023-10-23T08:54:23.936-07:00Comments on Patali: शरीर मेरा नहीं हैPatali-The-Villagehttp://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-63667212181003327742011-07-07T09:28:07.564-07:002011-07-07T09:28:07.564-07:00अध्यात्म से सम्बद्ध ज्ञानवर्धक पोस्ट.अध्यात्म से सम्बद्ध ज्ञानवर्धक पोस्ट.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-38070354779673881842011-07-07T07:27:31.309-07:002011-07-07T07:27:31.309-07:00आध्यात्म से ओतप्रोत बहुत अच्छा लिखा है आपनेआध्यात्म से ओतप्रोत बहुत अच्छा लिखा है आपनेसुधीर राघवhttps://www.blogger.com/profile/00445443138604863599noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-28499874029578830672011-07-06T11:15:27.745-07:002011-07-06T11:15:27.745-07:00शरीर परमात्मा का दिया हुआ अनमोल उपहार है और परमात्...शरीर परमात्मा का दिया हुआ अनमोल उपहार है और परमात्मा तक पहुचने का सुन्दर साधन है.शरीर को स्वस्थ रखना और इसका सदुपयोग करना हमारा कर्तव्य है.शरीर में आसक्ति करना,इसका दुरपयोग करना<br />अज्ञानवश है.जो शरीर को ही साध्य मान लेते हैं उन्हें अंततः दुःख <br />उठाना पड़ता है.<br />आपकी सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-39215378495765521652011-07-05T06:52:46.490-07:002011-07-05T06:52:46.490-07:00भावु उत्प्रेरक लेख |बधाई
आशाभावु उत्प्रेरक लेख |बधाई <br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-78861067033094051172011-07-05T03:24:00.289-07:002011-07-05T03:24:00.289-07:00@जिस पर अपना वश न चले, उसको अपना मानलेना मूर्खता ह...@जिस पर अपना वश न चले, उसको अपना मानलेना मूर्खता ही है। <br />एकदम सही है। अनुकरणीय बात रखी आपने।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-15209121346928839462011-07-04T02:52:44.365-07:002011-07-04T02:52:44.365-07:00पराकृति के साथ चलना ही उत्तम मार्ग है ...पराकृति के साथ चलना ही उत्तम मार्ग है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-72662621526507590982011-07-03T12:25:26.600-07:002011-07-03T12:25:26.600-07:00जिस पर अपना बस न चले उसे अपना मान लेना मूर्खता...जिस पर अपना बस न चले उसे अपना मान लेना मूर्खता ही तो है ......पर जिस इश्वर ने हमे जीवन दिया जिनसे हम अभिन्न है उन्होंने ही हमे ये शरीर दिया जीवन को जीने के लिए,इसको correlate करने के लिए एक example है -पेट्रोल और कार.जिस तरह से पेट्रोल(आत्मा) के बिना कार (शरीर) नहीं चल सकती उसी तरह कार (शरीर) के बिना पेट्रोल(आत्मा) भी किसी काम की नहीं.लेकिन आप के लेख से ये सीखने को जरूर मिल रहा है की सब कुछ नश्वर है........हमे मोह नहीं करना चाहिए किसी का भी.आभार!!<br /><br />अगर कुछ गलत लिखा हो तो माफ़ी चाहूंगी!!नश्तरे एहसास .........https://www.blogger.com/profile/12413478447349797313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-37229410376138402112011-07-02T23:23:16.555-07:002011-07-02T23:23:16.555-07:00ज्ञानवर्धक और सार्थक पोस्ट.ज्ञानवर्धक और सार्थक पोस्ट.Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-17670120331151679542011-07-02T12:22:02.711-07:002011-07-02T12:22:02.711-07:00bilkul sahi baat hai...hm to aatma hain bas,bilkul sahi baat hai...hm to aatma hain bas,Gopal Mishrahttps://www.blogger.com/profile/17048839371013189239noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-38983331933035654222011-07-01T01:17:16.860-07:002011-07-01T01:17:16.860-07:00सब प्रकृति का काम है
अच्छा लेख
हार्दिक शुभकामनाये...सब प्रकृति का काम है <br />अच्छा लेख<br />हार्दिक शुभकामनायें !!amrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-26164386218545076872011-06-29T22:55:10.481-07:002011-06-29T22:55:10.481-07:00हार्दिक शुभकामनायें !!हार्दिक शुभकामनायें !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-34320562072116417162011-06-29T12:14:01.004-07:002011-06-29T12:14:01.004-07:00सही कहा आपने. सबकुछ निर्देशक के ही नियंत्रण में है...सही कहा आपने. सबकुछ निर्देशक के ही नियंत्रण में है.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-37523989218133013932011-06-29T10:06:57.127-07:002011-06-29T10:06:57.127-07:00सुंदर पोस्ट.... प्रकृति अपने नियम ज़रूर निभाती है....सुंदर पोस्ट.... प्रकृति अपने नियम ज़रूर निभाती है... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-4133371880672021642011-06-29T09:39:33.539-07:002011-06-29T09:39:33.539-07:00लगता हे आज कही से प्र्वचन सुन कर आये हे, लेकिन बहु...लगता हे आज कही से प्र्वचन सुन कर आये हे, लेकिन बहुत सुंदर बात कही आप ने अपने इस लेख मे, काश हम सब इस बात को समझ जाये तो सब सुखी हो जायेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-11676226113052628122011-06-29T09:11:22.615-07:002011-06-29T09:11:22.615-07:00ज्ञानवर्धक और सार्थक पोस्ट. आभार !
एक गढ़वाली कवि ...ज्ञानवर्धक और सार्थक पोस्ट. आभार !<br />एक गढ़वाली कवि हैं चिन्मय शायर. उनकी एक क्षणिका कुछ ऐसे ही भाव लिए हुए है, शायद आपको पसंद आएगी;<br />दुनिया मेरि हून्दी त मी म रैंदी<br />मी दुनिया कू होंदु त दुनिया म ही रैंदु.शूरवीर रावतhttps://www.blogger.com/profile/14313931009988667413noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-52358923986179266932011-06-29T09:03:46.450-07:002011-06-29T09:03:46.450-07:00हम अपनी इच्छाओं के अनुसार शरीर को बदल नहीं सकते, ब...हम अपनी इच्छाओं के अनुसार शरीर को बदल नहीं सकते, बूढ़े से जवान नहीं बना सकते, रोगी से निरोगी नहीं बना सकते, कमजोर से बलवान नहीं बना सकते, काले से गोरा नहीं बना सकते, कुरूप से सुन्दर नहीं बना सकते, मृत्यु से बचाकर अमर नहीं बना सकते| हमारे ना चाहते हुए भी, लाख प्रयत्न करनेपर भी शरीर बीमार हो जाता है, कमजोर हो जाता है और मर भी जाता है| जिस पर अपना वश न चले,उसको अपना मानलेना मूर्खता ही है|<br />--<br />यही सच्चाई है इस नश्वर देह की!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-89056939423352398282011-06-29T08:12:01.690-07:002011-06-29T08:12:01.690-07:00कल्याण की यह कथा सहसा बचपन की स्मृतियों में ले गयी...कल्याण की यह कथा सहसा बचपन की स्मृतियों में ले गयी..कितने ही संसकरण अभी हाल में घर पर हमने बाइंड करवाए.. <br />बिलकुल सही कहा है..यह शरीर क्या कुछ भी हमारा नहीं है,मगर कितने इसको समझते हैं..सब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-25629424706360008832011-06-29T07:47:24.165-07:002011-06-29T07:47:24.165-07:00कल्याण से लेख पढवाने के लिए धन्यवाद .कल्याण से लेख पढवाने के लिए धन्यवाद .रेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-23458557577052982902011-06-29T02:10:26.401-07:002011-06-29T02:10:26.401-07:00सब प्रकृति का काम है
अच्छा लेखसब प्रकृति का काम है<br />अच्छा लेखअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-73018343371502366632011-06-29T00:39:00.156-07:002011-06-29T00:39:00.156-07:00परमात्माका अंश होने के नाते हम परमात्मासे अभिन्न ह...परमात्माका अंश होने के नाते हम परमात्मासे अभिन्न हैं| ....really...babanpandeyhttps://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-77665366711857722472011-06-29T00:37:48.735-07:002011-06-29T00:37:48.735-07:00जिस पर अपना वश न चले, उसको अपना मान लेना मूर्खता ह...जिस पर अपना वश न चले, उसको अपना मान लेना मूर्खता ही है|<br />यह सही कथन है। क्योंकि हमें अक्सर अपने तन की गुलामी करनी पड़ती है। जो समय और श्रम हमें हमारी निज-आत्मा को दिया जाना होता है हम इस नश्वर शरीर पर व्यर्थ कर देते है। कारण होता है स्थूल शरीर पर अतिशय ममत्व!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-68329494941856415632011-06-28T22:20:22.500-07:002011-06-28T22:20:22.500-07:00Sthul aur suksham ko dekhana hi sakshibhav hai.bad...Sthul aur suksham ko dekhana hi sakshibhav hai.badhiya post.aabharSthul aur suksham ko dekhana hi sakshibhav hai.badhiya post.aabharAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-35677503445752234972011-06-28T21:32:04.691-07:002011-06-28T21:32:04.691-07:00शीर्षक में "शारीर" = शरीर कर लेशीर्षक में "शारीर" = शरीर कर लेDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-5939647565931137912011-06-28T21:30:55.356-07:002011-06-28T21:30:55.356-07:00सब प्रकृति का काम है
अच्छा लेखसब प्रकृति का काम है <br />अच्छा लेखDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2747618664687180394.post-52970440929884297062011-06-28T21:29:05.692-07:002011-06-28T21:29:05.692-07:00जैसा कि ऊपर कहा गया है साक्षी वाला सिद्धांत सबसे ब...जैसा कि ऊपर कहा गया है साक्षी वाला सिद्धांत सबसे बेहतर है.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.com